भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आयुष विभाग द्वारा "आयुष प्रीमियम सर्टिफिकेशन" से प्रमाणित डॉ .डी. बी. अनंत नारायणन एवं वरिष्ठ वैज्ञानिकों की अनंत शोध से निर्मित उत्पाद
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आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुष दवाओं की अहम भूमिका है। बिना लक्षण वाले या हल्के असर वाले मरीजों को आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा की दवाएं दी जा रही हैं। इनके नतीजे संतोषजनक रहे हैं।
कोविड निगरानी केंद्र व कोविड स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष चिकित्सकों की टीमें भी तैनात करने के निर्देश हैं, ताकि आयुष डॉक्टर की निगरानी में ही उपचार दिया जा सके। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस ट्रायल का मकसद कोविड में भारतीय पद्धति का आकलन करना है।
अलग अलग समूह बने अस्पतालों में
जानकारी के अनुसार पहली व दूसरी स्टेज के मरीजों के कई समूह बनाए गए हैं, जिसमें से किसी समूह को एलोपैथी तो किसी को एलोपैथी के साथ आयुर्वेदिक दवा दी जा रही है। एक समूह को होम्योपैथी और आयुर्वेदिक दवा भी दे रहे हैं। एक समूह को तीनों चिकित्सा पद्धति की दवाएं दी जा रही हैं। इस आयुष शोध के परिणाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जर्नल्स में प्रकाशित किया जाएगा।
दिल्ली के दो बड़े आयुष केंद्रों पर उपचार शुरू
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेद अस्पताल में 46 और करोल बाग स्थित तिब्बिया कॉलेज में 29 मरीजों का उपचार चल रहा है। इसके अलावा आठ स्थानों पर बनाए गए कोविड केयर सेंटरों में आयुष टीमों को जिम्मेदारी दी गई है। दिल्ली में 2514 में से 960 मरीज पहली व दूसरी स्टेज में हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करीब छह दिन से यहां मरीजों को आयुष दवाएं दी जा रही हैं। फायदा भी देखने को मिल रहा है।
यूपी के सभी जिलों में भी आदेश लागू...
यूपी सरकार ने पहली व दूसरी स्टेज के मरीजों के आयुष उपचार के आदेश दिए हैं। इसके तहत मरीजों के खानपान और योग इत्यादि पर दिशा-निर्देशों का पालन कराया जा रहा है।
पीएम मोदी से की थी मांग, अब ट्रायल पर जोर
इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरपी पाराशर ने बताया कि करीब तीन सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोविड प्रबंधन में आयुष को भी शामिल करने के लिए की मांग की गई थी। आने वाले दिनों में इसके ज्यादा सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे। अगर सबकुछ ठीक रहा तो दुनिया में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा को एक अलग ही पहचान मिलेगी।
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आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुष दवाओं की अहम भूमिका है। बिना लक्षण वाले या हल्के असर वाले मरीजों को आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा की दवाएं दी जा रही हैं। इनके नतीजे संतोषजनक रहे हैं।
कोविड निगरानी केंद्र व कोविड स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष चिकित्सकों की टीमें भी तैनात करने के निर्देश हैं, ताकि आयुष डॉक्टर की निगरानी में ही उपचार दिया जा सके। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस ट्रायल का मकसद कोविड में भारतीय पद्धति का आकलन करना है।
अलग अलग समूह बने अस्पतालों में
जानकारी के अनुसार पहली व दूसरी स्टेज के मरीजों के कई समूह बनाए गए हैं, जिसमें से किसी समूह को एलोपैथी तो किसी को एलोपैथी के साथ आयुर्वेदिक दवा दी जा रही है। एक समूह को होम्योपैथी और आयुर्वेदिक दवा भी दे रहे हैं। एक समूह को तीनों चिकित्सा पद्धति की दवाएं दी जा रही हैं। इस आयुष शोध के परिणाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जर्नल्स में प्रकाशित किया जाएगा।
दिल्ली के दो बड़े आयुष केंद्रों पर उपचार शुरू
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेद अस्पताल में 46 और करोल बाग स्थित तिब्बिया कॉलेज में 29 मरीजों का उपचार चल रहा है। इसके अलावा आठ स्थानों पर बनाए गए कोविड केयर सेंटरों में आयुष टीमों को जिम्मेदारी दी गई है। दिल्ली में 2514 में से 960 मरीज पहली व दूसरी स्टेज में हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करीब छह दिन से यहां मरीजों को आयुष दवाएं दी जा रही हैं। फायदा भी देखने को मिल रहा है।
यूपी के सभी जिलों में भी आदेश लागू...
यूपी सरकार ने पहली व दूसरी स्टेज के मरीजों के आयुष उपचार के आदेश दिए हैं। इसके तहत मरीजों के खानपान और योग इत्यादि पर दिशा-निर्देशों का पालन कराया जा रहा है।
पीएम मोदी से की थी मांग, अब ट्रायल पर जोर
इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरपी पाराशर ने बताया कि करीब तीन सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोविड प्रबंधन में आयुष को भी शामिल करने के लिए की मांग की गई थी। आने वाले दिनों में इसके ज्यादा सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे। अगर सबकुछ ठीक रहा तो दुनिया में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा को एक अलग ही पहचान मिलेगी।
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